प्रिय मित्रो,
अपनी नई कहानी क्रोस रोअड्स का लिंक प्रस्तुत है. कृपया पढ़ें और अपनी राए दें.
cross roads - a short story by Partap Sehgal
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बुधवार, 12 मई 2010
बुधवार, 5 मई 2010
घर
उन्होंने जगह तय कर ली है
मेरे घर की बालकनी की छत का एक कोना
तय कर लिया है उन्होंने
कि वे अपना घर यहीं बनाएंगे
वे दोनों बहुत जल्दी में हैं
कि कब घर बने और
कब बसे उनका घर-संसार
कबूतर एक-एक तिनका कमा कर लाता है
कबूतरी बड़े जतन से
एक-एक तिनके को सहेज-संभाल कर
कबूतर की चोंच से लेती है
और तामीर करती है
अपना घर-संसार
पूरा दिन - यानी उनकी उम्र का
एक हिस्सा लग जाता है
उन्हें घर बनाने में।
घर बन गया है
कबूतर नाच-नाच कर रिझा रहा है
कबूतरी को
कबूतरी नखरैल होकर
इधर-उधर घूमती है
थोड़ी देर पहले
दोनों जुटे हुए थे घर तामीर करने में
घर तामीर करने की खुशी में
सारा दिन खटने के बाद भी
थके नहीं वे दोनों
नाच-झूम कर प्रवेश करना चाहते
एक-दूसरे की आत्मा में
और बसाना चाहते हैं
अपना घर-संसार
कितनी बड़ी है यह दुनिया
जो सिमट कर रह जाती है
एक छोटे से घर में
उस छोटे से घर के छोटे से
घर-संसार में।
उन्होंने जगह तय कर ली है
मेरे घर की बालकनी की छत का एक कोना
तय कर लिया है उन्होंने
कि वे अपना घर यहीं बनाएंगे
वे दोनों बहुत जल्दी में हैं
कि कब घर बने और
कब बसे उनका घर-संसार
कबूतर एक-एक तिनका कमा कर लाता है
कबूतरी बड़े जतन से
एक-एक तिनके को सहेज-संभाल कर
कबूतर की चोंच से लेती है
और तामीर करती है
अपना घर-संसार
पूरा दिन - यानी उनकी उम्र का
एक हिस्सा लग जाता है
उन्हें घर बनाने में।
घर बन गया है
कबूतर नाच-नाच कर रिझा रहा है
कबूतरी को
कबूतरी नखरैल होकर
इधर-उधर घूमती है
थोड़ी देर पहले
दोनों जुटे हुए थे घर तामीर करने में
घर तामीर करने की खुशी में
सारा दिन खटने के बाद भी
थके नहीं वे दोनों
नाच-झूम कर प्रवेश करना चाहते
एक-दूसरे की आत्मा में
और बसाना चाहते हैं
अपना घर-संसार
कितनी बड़ी है यह दुनिया
जो सिमट कर रह जाती है
एक छोटे से घर में
उस छोटे से घर के छोटे से
घर-संसार में।