प्रताप सहगल की साहित्य यात्रा की कुछ झलकियाँ
पहले तो बधाई देंगे। फिर बतलाना चाहेंगे पढ़ना तो जरूर चाहेंगेपर क्या आप प्रतिस्वयं भिजवायेंगे याआना होगा खुद लेने।
सहगल जी, इस उपन्यास के लिए बहुत बहुत बधाई।--------रूपसियों सजना संवरना छोड़ दो?मंत्रो के द्वारा क्या-क्या चीज़ नहीं पैदा की जा सकती?
बहुत बहुत बधाई। जब भी अवसर मिला इसे अवश्य खरीदूँगी।घुघूती बासूती
sammaniya sahgal saab ,saadar pranam !priy kant '' ke liye aap ko bahut bahut badhai, main padhna chahuga is oopnyaas ko .saadarsunil gajjani
Aap ke naye upanyas prakashan par hardik badhaian.
अच्छी जानकारी !! आपकी अगली पोस्ट का इंतजार नहीं कर सकता!greetings from malaysiaद्वारा टिप्पणी: muhammad solehuddin
टिप्पणी सच्चाई का दर्पण है
पहले तो बधाई देंगे।
जवाब देंहटाएंफिर बतलाना चाहेंगे
पढ़ना तो जरूर चाहेंगे
पर क्या आप प्रति
स्वयं भिजवायेंगे या
आना होगा खुद लेने।
सहगल जी, इस उपन्यास के लिए बहुत बहुत बधाई।
जवाब देंहटाएं--------
रूपसियों सजना संवरना छोड़ दो?
मंत्रो के द्वारा क्या-क्या चीज़ नहीं पैदा की जा सकती?
बहुत बहुत बधाई। जब भी अवसर मिला इसे अवश्य खरीदूँगी।
जवाब देंहटाएंघुघूती बासूती
sammaniya sahgal saab ,
जवाब देंहटाएंsaadar pranam !
priy kant '' ke liye aap ko bahut bahut badhai, main padhna chahuga is oopnyaas ko .
saadar
sunil gajjani
Aap ke naye upanyas prakashan par hardik badhaian.
जवाब देंहटाएंअच्छी जानकारी !! आपकी अगली पोस्ट का इंतजार नहीं कर सकता!
जवाब देंहटाएंgreetings from malaysia
द्वारा टिप्पणी: muhammad solehuddin