शनिवार, 6 मार्च 2010

मित्रो
इस बार संचेतना के ताज़ा अंक (दिसम्बर २००९) में मेरे नाटक अन्वेषक पर कुछ महत्वपूर्ण सामग्री है. यह पत्रिका ऑनलाइन उपलब्ध नहीं है. यहाँ सिर्फ उसका मुखपृष्ठ दे रहा हूँ. सूचनार्थ. पढने के पत्रिका का अंक देखें या फिर इसके संपादक डॉ. महीप सिंह , एच-१०८, शिवाजी पार्क, पंजाबी बाग़, नई दिल्ली-११००२६ से संपर्क करें.

4 टिप्‍पणियां:

  1. जानकारी के लिए धन्‍यवाद .. बधाई !!

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  2. बधाई,
    वैसे तो मुझे हर बार अंक मिल ही जाता है पर इस बार अभी तक नहीं मिला है। नहीं मिला तो आपके यहां लेने आने का सुखद बहाना रहेगा।
    वैसे मुखपृष्ठ अच्छे मुखड़े के चलते अच्छा बन गया है।
    सप्रेम
    जनमेजय

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टिप्‍पणी सच्‍चाई का दर्पण है