मजदूर के हाथों
रोडी कूटता दुरमुट
फिसल जाता है
हथिया लेता है उसे डॉक्टर
और मोटी सुई बना लेता है
मास्टर के हाथों में
छडी बन जाता हैं दुरमुट
पिता के हाथों आदेश
राजनेता के हाथ में
स्टेनगन होता है दुरमुट
और धर्माचार्य के होंठों पर
काला मन्त्र
अजीब शै है दुरमुट
हाथ बदलते ही शक्ल बदलता है
सुई, छडी, आदेश , काला मन्त्र
या नौकरशाह की
भारी भरकम कलम
कितना अच्छा लगता है
मजदूर के हाथ में ही दुरमुट
समतल करता ज़मीन
उस पर बनता है फर्श
फर्श पर ही टिके रहते हैं पाँव
वहीं से दीखते हैं शहर, कसबे और गाँव
दुरमुट का हाथ बदलना
इतिहास में बार-बार हुई एक दुर्घटना है ।
अनोखा विज्ञापन: जब यू-ट्यूब विडियो से निन्जा बाहर कूद पड़े
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बहुत सालों पहले, जब यू-ट्यूब नही था तब एक जावा स्क्रिप्ट बहुत पोपुलर थी जो
वेब पेज में लिखे हुए को इधर उधर घुमा देती थी, फोटुओं वाले पेज की फोटो बिखरा
देती...
13 वर्ष पहले
दुरमुट का अद्भुत प्रयोग किया हैआपने अपनी इस रचना में...बधाई
जवाब देंहटाएंनीरज
सही दिशा की और जाती सुंदर रचना। बधाई!
जवाब देंहटाएंहाथ पल पल रूप बदलता है
जवाब देंहटाएंकभी दुरमुट कभी सुई कभी
...
इंसान को तब भी भला लगता है