रक्त-चाप
सारी शर्म छोड़
और सारे बन्धन तोड़
घूमने लगा है खून
शिराओं में
कि जैसे वाहन
दौड रहा हो
स्पीड-ब्रेकरों से भरी सड़कों पर
प्रेम से काटता है
एक विषभरा नाग
और वहीं कहीं
दुबक कर सो जाता है
खून की झाडियों में.
मैंने सब्ज़ी वाले से पूछा
तुमने सुना है इस नाग का नाम
वह सब्ज़ी के भाव बताने लगा
डबलरोटी वाले से पूछा
तो वह मक्खन की टिकिया दिखाने लगा
एक मैकेनिक से पूछा मैंने
उसने औज़ार मेरे सिर पर पटक दिये
पूछा एक मजूर से
उसने सिर पर दो ईंटें और रखीं
और फटाफट बनती इमारत पर चढ़्ने लगा
एक बुद्धिजीवी से भी पूछ लिया
वह हल्के से मुस्कराया
फिर एक झोला दिखाया
दरअसल हम दोनों उसी झोले में बंद हैं
झोले में मैंने कर लिये हैं कुछ सूराख
वहीं से कभी सब्ज़ी वाले
और
कभी मजूर को देखता हूं
नाग है कि
झोले में सूराखों के बावजूद
जमा है झोले के अंदर ही.
अनोखा विज्ञापन: जब यू-ट्यूब विडियो से निन्जा बाहर कूद पड़े
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बहुत सालों पहले, जब यू-ट्यूब नही था तब एक जावा स्क्रिप्ट बहुत पोपुलर थी जो
वेब पेज में लिखे हुए को इधर उधर घुमा देती थी, फोटुओं वाले पेज की फोटो बिखरा
देती...
13 वर्ष पहले
यही तो चाप की थाप है खूनी
जवाब देंहटाएंतेज हो या फिर हो अति धीमी
रहती है झोले में ही अब हमारे
झोला जो शरीर है हमारा आपका
प्रिय भाई प्रताप सहगल
जवाब देंहटाएंकविता अच्छी है।
इस कविता में प्रेम का संबंध शायद मुझसे और नागों का सबंध जनमेजय से है?
सप्रेम
जनमेजय